नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन महादेव के तहत मारे गए आतंकवादियों में से एक, ताहिर हबीब का ‘जनाज़ा-ग़ैब (जिसे किसी की अनुपस्थिति में अंतिम संस्कार कहते हैं)’ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित उसके गांव में किया गया, ये घटना दूसरी बार पुष्टि करती है कि 22 अप्रैल की पहलगाम आतंकी घटना में पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ था, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।
टेलीग्राम चैनलों पर पोस्ट किए गए वीडियो और तस्वीरों में पाकिस्तान के रावलकोट के खाई गाला के बुज़ुर्ग पूर्व पाकिस्तानी सैनिक और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी की अंतिम प्रार्थना के लिए इकट्ठा होते दिखाई दे रहे हैं। लेकिन ताहिर के जनाज़ा-ग़ैब ने उस समय अप्रत्याशित मोड़ ले लिया जब स्थानीय लश्कर कमांडर रिज़वान हनीफ ने इसमें शामिल होने की कोशिश की।
